मसीह समाज की ओर से माता मरियम का पर्व हर्षोल्लाह से मनाया गया। सात दुखों की माता गिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर कॉस्मोस शेखावत ने बताया की 1 मई से 31 मई तक कैथोलिक ईसाई समाज रोजरी माला विनती का पर्व मनाता है।
ईसाई समाज द्वारा माता मरियम का पर्व हर्षोल्लाह से मनाया गया सात दुखों की माता गिरजाघर के पल्ली पुरोहित सदैव फादर कॉस्मोस शेखावत ने जानकारी देते हुए बताया की 1 में से लेकर 31 में तक कैथोलिक ईसाई समाज रोजरी माला विनती का पर्व मानता है रोजरी माला विनती माता मरियम को समर्पित होती है प्रत्येक दिन कैथोलिक समाज का एक परिवार माता मरियम की मूर्ति के सामने इकट्ठा होकर पूरे समाज के साथ माला विनती करता है जिसे माता मरियम को समर्पित किया जाता है । और माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा प्रभु यीशु मसीह से कैथोलिक समाज देश में भाईचारे प्रेम एकता और सभी धर्म में आपसी सामंजस्य व प्रेम बना रहे इसके लिए प्रत्येक दिन रोजरी माला विनती बोलता है । यह रोजरी माला विनती 1 मई से आरंभ होकर 31 मर्ई तक प्रत्येक दिन शाम को की जाती है 31 मर्ई को इस महापर्व का समारोह पूर्वक समापन किया जाता है । इसलिए आज सभी कैथोलिक समाज के गिरजाघर में विशेष मिस्सा बलिदान चढ़ाया गया और रोजरी माला विनती को दोहराया गया । माता मरियम की मूर्ति को जलसे द्वारा सम्मानपूर्वक गिरजाघर में लाया गया ।
जहां पर प्रत्येक परिवार के सदस्यों ने मिलकर माता मरियम की आरती उतारी और अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य और युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए प्रार्थना की । इस अवसर पर रोगियों के के लिए और आगामी लोकसभा चुनाव में अच्छी सरकार चुनकर आने के लिए विशेष प्रार्थना पल्ली पुरोहित द्वारा की गई । आज के इस महापर्व के शुभ अवसर पर चर्च की बालिकाओं द्वारा माता मरियम को समर्पित सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसका संचालन सुश्री हेंरिटा एंथोनी द्वारा किया गया । पल्ली पुरोहित फादर कॉस्मोस शेखावत के ने अपने उद्बोधन में बाइबल के उसे वृतांत जिसमें माता मरियम और उनकी चचेरी बहन एलिजाबेथ के आपस में मिलने पर चर्चा की गई । उन्होंने बताया की किस तरह से माता मरियम को दिव्य दर्शन प्राप्त हुआ और वह अपनी चचेरी बहन एलिजाबेथ जो की दूर प्रदेश में रहती थी उससे मिलने पहुंचती है और उनके गर्भ में पल रहे शिशु जिसका नाम आगे चलकर जॉन बैप्टिस्ट रखा गया पर चर्चा की गई । इसलिए इस दिन को फीस्ट ओफ वेजिटेशन ओफ द मदर मैरी टू एलिजाबेथ भी कहा जाता है ।
चर्च में प्रार्थना के पश्चात सभी धर्मावली के लोगों के लिए प्रसादी का आयोजन भी किया गया कार्यक्रम में कैथोलिक समाज की संपूर्ण कलीसिया सभी सिस्टर्स, पुरोहितगण तथा बालक बालिकाओं ने बढ़ चढ़कर के भाग लिया । कार्यक्रम का संचालन स्वयं श्रद्धेय फादर कॉसमॉस के द्वारा किया गया ।
Procession and Rosary from St Teresa school at 6.30 pm followed by mass n Dinner for all. Maha Arti by every family at the grotto.