Church Palm Sunday Ajmer Rajasthan खजूर रविवार पर गिरजाघरों में हुई विशेष प्रार्थना सभा
ईसाई समाज खजूर रविवार पर हौसन्ना गीत गाकर करते है, ईसा मसीह का स्वागत व क्षमा-याचना कर पूण्य सप्ताह की तैयारी भी की जाती है
अजमेर दिनांक 28 मार्च, 2021, रविवार का भट्टा स्थित सात दुःखों की माता गिरजाघर में खजूर रविवार पर विशेष प्रार्थना सभा को आयोजन किया गया, इस अवसर पर सभी कलीसिया के सदस्यों को खजूर की डालीयों का वितरण किया गया तथा हौसन्ना गीत गाकर गिरजाघरों में प्रवेश किया गया । चर्च के पेरिस प्रीस्ट फादर काॅसमोस शेखावत ने जानकारी देते हुए बताया की, आज का रविवार ईसाई समाज के लिए विशष महत्व रखता है, इस दिन को दुखःभोग का रविवार भी कहा जाता है और आज से पूण्य सप्ताह – होली वीक भी प्रारम्भ होता है । बाईबिल बताती है कि आज के दिन ईसा मसीह येरूसालेम में अपने अनुयायियों के साथ प्रवेश करते है तो येरूसालेम के लोग खजूर की डालीयाॅं हाथ में लिए उनका स्वागत करते है, और जोर-जोर से चिल्लाकर हौसन्ना कहते हुए उनका आदर सत्कार करते है । आज के दिन से पूण्य सप्ताह की तैयारीयाॅं भी ईसाई समाज करता है । फादर काॅसमाॅस के अनुसार, इस त्योहार के दिन पाप स्वीकार संस्कार की विधि भी दौराई जाती है, ईसाई समाज के लोग आज के दिन विशेष रूप से अपने पापों की क्षमायाचना प्रभु से करते है, जिससे वे अपने आप को शुद्ध व पवित्र कर गिरजाघरो में होने वाले आगामी प्रार्थना सभी एवं आयोजनों में योग्य रिति से सम्मिलित हो सकें ।
इस सप्ताह में और तीन महत्वपूर्ण त्यौहार ईसाई समाज मनाता है क्रमशः
1. पूण्य बृहस्पतिवार/पूण्य गुरूवार (Maundy Thursday ) जिसे माॅण्डी र्थस्टडे भी कहते है, इस दिन ईसा मसीह अपने सभी 12 चेलों (शिष्यों) के पैरों को पानी से धोकर, चुमते है । ईसा मसीह इस उदाहरण से हमें नम्रता व दिनता का पाठ सिखाते है और कहते है कि जैसा मैने गुरू होते हुए भी तुम्हारे पैर धोए, तुम भी दूसरो के साथ ऐसा ही करना व्यवहार करना।
2. पूण्य शुक्रवार/गुड फ्राईडे ( Good Friday ) इस दिन को ईसाई समाज पवित्र शुक्रवार के रूप में मनाता है यहाॅ गुड से मतलब पवित्र है चूॅंकि इस दिन ईसा मसीह को क्रुस (Cross) पर किलों से ठोक पर चढाया जाता है और वे क्रुस की कठोर पीडा सहते हुए, अपने प्राण त्याग देते है । इस दिन ईसाई समाज पुरे दिन शोक व मात्म में बिताता है और गिरजाघरों में प्रातः सुबह से रात तक प्रार्थना सभा चलती रहती है, ईसाई समाज क्रुस यात्रा की घोर पीडा व ईसा मसीह की क्रुस पर मृत्य को याद करता है । और पुरा समाज शोक संतप्त रह कर, उपवास व परहेज भी करता है ।
3. ईस्टर ( Easter )/ ईसा मसीह के पूनःजीवित होने को पर्व :- इस दिन ईसाई समाज ईसा मसीह के मृत्य के तीन दिन बाद पूर्नजीवित होने को पर्व मनाते है और पिछले 6 सप्ताहों से उपवास व परहेज
ईसाई समाज के लोग करते आ रहे थे वे आज के दिन समाप्त होते है और सभी ईसा मसीह के पूर्नजीवित होने के खुशायाॅं मानते हुए, एक दूसरे को ईस्टर की बधाईयाॅं प्रेषित करते है । इस दिन गिरजाघरों मे धण्टीयाॅ बजाई जाती है, जो खुशीयों का प्रतीक होती है ।
फादर काॅसमाॅस के अनुसार आज के दिन को विशेष मनाने हेतु फादर जाॅन पाॅल को करूणालय आश्रम से विशेष रूप से आमन्त्रित किया गया जिससे वे लोगों को आध्यत्मिक रूप से पूण्य सप्ताह के लिए तैयार कर सकें और लोग पाप स्वीाकर योग्य रीति के करें । कार्यक्रम व पुजन विधि को संचालन, अर्चना विलियम, एन्ड्रु जोन, रवि जोन, सिस्टर कविता, भाई मैनु एल्कजैन्डर व राजेश बैप्टिस्ट ने किया ।
फादर काॅसमाॅस शेखावत
पेरिस प्रीस्ट पल्ली पुरोहित
सात दुःखों की माता गिरजाघर
भटटा, अजमेर ।